1.प्रेरणा
2. हाँ आप कर सकते हैं{Yes You Can}
3.जीवन के 10 नकारात्मक तथ्य और उन्हें दूर करने के सकारात्मक प्रयोग
4.जीवन संघर्ष है पर स्वप्न नहीं
यह बीमारी फंगस या फफूंद से फैलती है यह भी कोरोना वायरस की तरह संक्रमण की बीमारी है यह फंगस वातावरण में प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है।
कोरोना वायरस के बाद लोगों की जान पर काला कवक या फफूंदी - Black Fungus बीमारी आफत बनी हुई है जिसको यह हो जाती है उसकी जान खतरे में पड़ जाती है डॉक्टरों का मानना है कि कैंसर जैसी असाध्य बीमारी में लोगों की जान जाने में कुछ वक्त कुछ महीने या साल लग जाते हैं,परन्तु इस बीमारी में इंसान की कुछ दिनों में ही मृत्यु हो जाती है।
यह एक दुर्लभ बीमारी है पहले समय में यह किसी किसी व्यक्ति में पाई जाती थी परन्तु कोरोना काल में यह बीमारी शीघ्रता से अपने पॉव फैला रही है ट्रांसप्लांट करवाने वालों पर भी ब्लैक फंगस से संक्रमित होने काखतरा रहता है।इस बीमारी के कारण कई लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है।
यह देश के कई राज्यों में फ़ैल चुकी है और भयंकर रूप धारण करती जा रही है इन राज्यों में दिल्ली, गुजरात हरियाणा,राजस्थान,महाराष्ट्र,बिहार,ओड़िशा,तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेशऔर धीरे धीरे और राज्यों में भी फैलती जा रही है ब्लैक फंगस या काला कवक ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है देश अभी कोरोना जैसी घातक बीमारी से अभी निजात नहीं पा सका है ऊपर से यह एक और खतरनाक और जानलेवा बीमारी पैर पसारती जा रही है।
ब्लैक फंगस उन लोगों पर अपना प्रभाव डाल रहा है जिनके Immune System कमजोर है यह उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है जिन लोगो को शुगर या Diabetes है वे इस रोग से ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं इस रोग के कारण आंख की नसो के पास फंगस इन्फेक्शन जमा हो जाता है जो सेंट्रल रेटिनल आर्टरी का रक्त परवाह बंद कर देता है जिससे आँखों की रोशनी चली जाती है जिन लोगों को कोरोना हुआ है या इससे ठीक हुए है उनमे यह संक्रमण ज्यादा पाया जा रहा है।
यह नमी वाली जगह पर उत्पन्न होता है खासकर नाखूनों के नीचे इस प्रकार का वातावरण इस के लिए आदर्श होता है मिट्टी में इसकी मौजूदगी ज्यादा होती है।बागवानी करते समय आपको हमेशा सुरक्षात्मक दस्ताने पहनने चाहिए और अपने पौधों की देखभाल करने के तुरंत बाद अपने हाथ धो लेने चाहिए ।
यदि आपके नाखूनों के पास कोई कट या घाव है तो ब्लैक फंगस संक्रमण अधिक आसानी से शुरू हो सकता है, इसलिए आपको इन घावों पर तुरंत उपचार करना होगा।
आँख नाक के जरिये यह फंगस दिमाग तक पहुँच जाता है और रास्ते में आने वाली हड्ड़ी या त्वचा को नुकसान पहुंचाता है या नष्ट कर देता है जिससे मृत्यु हो सकती है।
लखनऊ के वरिष्ठ डॉक्टर एम.बी सिंह का मानना कि यह बीमारी खतरनाक है परन्तु इससे ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि अधिकतर यह बीमारी उन मरीजों को अपना शिकार बना रही है जो ज्यादा समय तक ऑक्सीजन या वेंटीलेटर पर रहते हैं और जिनकी Diabetes अनियंत्रित है।
अमेरिकन CDC(Centers For Disease Control) के अनुसार ब्लैक फंगस दुर्लभ बीमारी है जो फंगी के समूह के कारण होती है ये साइनस और फेफड़ो पर अपना प्रभाव डालती है।अगर आपकी नाक बंद है तो इसे साइनेसाइटिस समझनें की गलती न करें।अगर यह बीमारी नाक के जरिये दिमाग तक पहुँच जाती है तब इसका इलाज कारगर नहीं है।
डॉक्टरी परामर्श के बाद Culture, MALDI-TOF,KOH Staining & Microscopy जाँच करवाएं।
इसके बढ़ने के तीन निम्न प्रमुख कारण हैं।
1 कोरोना
2 स्टेरॉइड्स
3 अनियंत्रित Diabetes
1.जो लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं उनमे काला कवक के लक्षण पाए जाते हैं।
2.कोरोना के इलाज में Steroids का ज्यादा इस्तेमाल इस बीमारी के बढ़ने का मुख्य कारण है क्योंकि इसका ज्यादा इस्तेमाल प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है।
3.Diabites के मरीजों। पर इसका खतरा जानलेवा होता है ब्लैक फंगस का ऐसे मरीजों पर दोगुना खतरा होता है क्योंकि इस बीमारी से पीड़ित मरीजों में रोगो से लड़ने की क्षमता बहुत कमजोर होती है हड्डिया भी ज्यादा कमजोर हो जाती है जिससे यह बीमारी ऐसे मरीजों को ज्यादा शिकार बनाती है अभी तक उपरोक्त कारण ही सामने आए हैं हो सकता है भविष्य में और भी कई कारण हो।
आशा करते हैं कि ब्लैक फंगस बीमारी से सम्बंधित लेख आपको पसंद आया होगा और आप भी इसे लेकर सावधानी और सतर्कता बरतेंगे।
अब एक और नई बीमारी जिसका नाम ओमिक्रोन है। इसने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है।यह भारत देश में तीसरी लहर के रूप में आई है ।यह बहुत तेजी से सभी को अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है। अभी इसके लक्षणों का पूरे तरीके से पता नहीं लग पाया है । इससे बचाव ही इसका इलाज है, इसके लिए मुंह पर मास्क लगाना, हाथों को सेनेटाइजर से बार बार धोना , तथा एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखना।
5)कठोर परिश्रम:-अपने जीवन में सफलता हासिल करने हेतु अपने लक्ष्य को साधने लिए प्रयासरत रहें,हर चुनौती का डट कर सामना करें।
अधिकांश
लोग अपने उद्देश्य का पता लगाने के लिए बहुत समय और पैसा खर्च करते हैं,लेकिन अगर हम सुनेंगे तो हमारे पास पहले से ही इसका जवाब है। यह हमारे दिल
की ख्वाहिशें हैं,यही हमें खुश करती हैं और जो हमें खुशी देती हैं।हमें बस
इतना करना है कि उसका पालन करें।
लोग अपने सपनों का पालन नहीं करते हैं।वे नहीं देख सकते कि उनके सपने कैसे होंगे और इसलिए वे हार मान लेते हैं।
6)शिक्षा और प्रशिक्षण:-अपनी करवाई को जागरूकता के साथ अंजाम दें उचित अध्ययन और प्रशिक्षण आपके पेशेवर ज्ञान को और मज़बूती देता है ।
आज के तकनीकी दौर में नए ज्ञान को अर्जित करें जिससे आप समय के साथ तालमेल रख सकते हैं।
7)आत्म-प्रतिष्ठा:-सब कुछ केवल आप पर निर्भर करता है की आप अपने आपको किस प्रकार बेहतर बनाते हैं अपना भविष्य आपको खुद बनाना है आत्म-प्रतिष्ठा आपकी आशंकाओं को दूर करता है ।
8)आत्म-विश्वास:-आत्म विश्वास से कोई भी कार्य करने में आपको बल मिलता है यह आपको पूरी ऊर्जा के साथ कार्य करने की शक्ति प्रदान करता है या यूँ कहें की जब आप अपने आप से कहते हैं की हाँ मैं यह कार्य करने में सक्षम हूँ तब यही आपका आतम विश्वास कहलाता है और आपको अच्छे परिणाम दिलाने में आपकी मदद करता है ।
यह लेख सफलता हासिल करने की एक प्रस्तुति मात्र है और आपको इससे बहुत लाभ होगा।हम आशा करते है कि यह लेख सफलता प्राप्त करने में आपका मार्गदर्शक सूत्र बनेगा।
संस्कृत शब्द "कर्म" का शाब्दिक अर्थ है "काम"या "क्रिया"यह उन शब्दों में से एक है जो हम कहते हैं "जैसा कि आप बोते हैं वैसा ही आप काटेंगे "
मनुष्य
इस संसार में खाली हाथ आता है और खाली हाथ जाता है परंतु वह अपने प्रारब्ध
के साथ आता है और अपने अच्छे व बुरे कर्मों के साथ जाता है।
लेकिन कर्म की अवधारणा,जैसा कि हिंदू और बौद्ध धर्म में उत्पन्न हुई है अधिक जटिल हैऔर इसकी सूक्ष्मताओं को समझने से हमें अपने दैनिक जीवन में मदद मिल सकती है। इस पर निर्भर करते हुए कि हम इसे कैसे आगे बढ़ाते हैं कर्म और जीवन का तरीका इसे अपनाता है।
शास्त्रों में कितने प्रकार के कर्म बताए गए हैं
कर्मो के प्रकार तीन तरह के होते हैं ।
1) संचित कर्म
2) निष्फल (या प्रारब्ध)
3) नि: स्वार्थ (या अगामी)
संचित कर्म:-
सीधे शब्दों में,संचित कर्म पिछले कार्यों के परिणामों को संदर्भित करता है जो अभी तक फल देना शुरू नहीं किया है। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि हमने जीवन में कुछ बहुत अच्छा किया हो लेकिन इस क्रिया के कर्मों ने हमें प्रभावित नहीं किया है।
निष्फल (या प्रारब्ध) :-
निष्फल कर्म वह है जिससे हममें से अधिकांश परिचित हैं।हम पिछले कार्यों के सकारात्मक या नकारात्मक प्रभावों का अनुभव करने के बीच में हैं।इस समय,हम कह सकते हैं,"मुझे नहीं पता कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है।"लेकिन आमतौर पर कारण अच्छे या बीमार के लिए पिछले कर्म है।
यदि हम इसके कारण को समझने की कोशिश करना चाहते हैं,तो हम प्रार्थना या ध्यान के माध्यम से पता लगाने में सक्षम हो सकते हैं।
नि: स्वार्थ (या अगामी):-
जब हम आध्यात्मिक पूर्णता प्राप्त कर लेते हैं, तो निस्वार्थ या अगामी कर्म का अनुभव होता है। यह तब काम करना शुरू करता है जब हम परमेश्वर की इच्छा को जानते हैं और उसे पूरा करते हैं।उस समय हम निरंतर ईश्वर की स्वतंत्र इच्छा का अनुभव करते हैं।यह अति उत्तम अवस्था है।
मनुष्य को इस संसार में आकर अपने सभी अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब चुकता करना पड़ता है इसलिए मनुष्य को अच्छे कर्म करने चाहिए।
लेकिन कर्म के बारे में महत्वपूर्ण सवाल इतना नहीं है कि हम जीवन में विभिन्न अनुभव क्यों कर रहे हैं,बल्कि इसके बारे में हम क्या कर सकते हैं।क्या बुरे तरह के कर्म को नकारने या अच्छे प्रकार को बढ़ाने का एक तरीका है?
अगर हमें पता है कि हमने कुछ गलत किया है,तो हम आने वाली सजा को कम करने के लिए क्या कर सकते हैं?और इसके विपरीत यदि हम एक अच्छी कार्रवाई के बारे में खुश हैं,तो हम अपने जीवन पर इसके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए क्या कर सकते हैं? यह सब करने का तरीका प्रार्थना,ध्यान और अच्छे कार्यों से है।
यदि हम ईमानदारी से अपने बुरे कार्यों के लिए क्षमा के लिए भगवान की ओर मुड़ सकते हैं,तो वह आसन्न परिणाम को कम या शून्य कर सकता है।
लेकिन ईश्वर से यह अपेक्षा है कि वे पश्चात्ताप करें और गलती न दोहराने का संकल्प लें।हमारे भाग्य को बेहतर बनाने का एक और तरीका कुछ अच्छा कर रहा है और इसके अलावा हमारे अच्छे कार्यों के लिए आभार व्यक्त करता है।
अनुभव और क्रिया
अक्सर हमारी क्रिया के समय और परिणाम के कर्म के हमारे अनुभव के बीच एक अंतराल होता है।
सामान्य शब्दों में,यह उस समय के अंतराल के समान है जब कोई डाकू चोरी करता है और जब उसे सजा सुनाई जाती है कि यह अंतराल हमें प्रार्थना,ध्यान और अच्छे कामों के माध्यम से अपनी किस्मत को सुधारने के लिए काम करने का एक सुनहरा अवसर देता है-ताकि जब सजा आए,तो हमारे जीवन पर इसका बहुत कम या कोई प्रभाव न पड़े।
कर्म के बारे में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि यह केवल एक लक्ष्य के साथ एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है: हमें बेहतर और उच्च जीवन जीने के लिए,इनाम और दंड दोनों के माध्यम से।
इसके अलावा तथाकथित सजा वास्तव में एक आशीर्वाद है क्योंकि यह हमें हमारे स्वभाव को सही और सही करने में मदद करता है।
उपरोक्त लेख के माध्यम से हमने मानव के अच्छे बुरे कर्मो पर चर्चा की आशा करते हैं कि आपको लेख पसंद आया होगा इस विषय पर आप भी अपने विचार कमेंट बॉक्स में सांझा कर सकते हैं ।